डीप क्लीनिंग (Deep cleaning) और मसूड़ों की सर्जरी (Gum surgeries) दो अलग-अलग दंत चिकित्सा प्रक्रियाएं हैं जिनका उपयोग मसूड़ों की बीमारी (Gum disease) के इलाज के लिए किया जाता है। कौन सी प्रक्रिया आपके लिए सबसे अच्छी है, यह आपकी स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है।

डीप क्लीनिंग (Deep Cleaning)

डीप क्लीनिंग, जिसे स्केलिंग और रूट प्लानिंग (Scaling and root planing) भी कहा जाता है, एक गैर-सर्जिकल प्रक्रिया है जिसका उपयोग दांतों और मसूड़ों से प्लाक (Plaque) और टार्टर (Tartar) को हटाने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर तब की जाती है जब मसूड़ों की बीमारी शुरुआती चरणों में होती है।

डीप क्लीनिंग की प्रक्रिया:

  1. दांतों और मसूड़ों को सुन्न करने के लिए स्थानीय एनेस्थीसिया (Local anesthesia) का उपयोग किया जाता है।
  2. एक दंत चिकित्सक या दंत हाइजीनिस्ट (Dental hygienist) विशेष उपकरणों का उपयोग करके दांतों और मसूड़ों से प्लाक और टार्टर को हटाते हैं।
  3. दांतों की जड़ों को चिकना किया जाता है ताकि बैक्टीरिया के लिए उन पर जमा होना मुश्किल हो जाए।

मसूड़ों की सर्जरी (Gum Surgeries)

मसूड़ों की सर्जरी की आवश्यकता तब होती है जब मसूड़ों की बीमारी अधिक उन्नत चरणों में होती है और डीप क्लीनिंग पर्याप्त नहीं होती है। कई प्रकार की मसूड़ों की सर्जरी उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • फ्लैप सर्जरी (Flap Surgery): मसूड़ों को उठाकर दांतों की जड़ों तक पहुंचा जाता है और साफ किया जाता है।
  • हड्डी का ग्राफ्टिंग (Bone Grafting): खोई हुई हड्डी को बदलने या पुनर्निर्माण के लिए हड्डी का ग्राफ्ट लगाया जाता है।
  • मसूड़ों का ग्राफ्टिंग (Gum Grafting): मसूड़ों के ऊतकों को जोड़कर मसूड़ों के पीछे हटने का इलाज किया जाता है।

मसूड़ों की सर्जरी के लाभ:

  • मसूड़ों की बीमारी को ठीक करना (Treating gum disease)
  • दांतों को सहारा देने वाली हड्डी को मजबूत बनाना (Strengthening the bone that supports the teeth)
  • दांतों के नुकसान को रोकना (Preventing tooth loss)